मानव शरीर एक रहस्यमयी दुनिया है, जहां प्रकृति और विज्ञान के बीच अनोखा संतुलन बनता है। लेकिन कभी-कभी, यह शरीर हमें ऐसी घटनाओं से हैरान कर देता है, जो विश्वास से परे होती हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी दुर्लभ मेडिकल स्थिति की, जिसे सुनकर डॉक्टर भी हैरान रह जाते हैं। इसे कहते हैं लिथोपेडियन, यानी पत्थर का बच्चा।

कोलंबिया का है पूरा मामला

कोलंबिया के एक छोटे से गांव में रहने वाली 73 साल की महिला को एक दिन तेज पेट दर्द हुआ। सामान्य दर्द समझकर वह डॉक्टर के पास गईं। लेकिन जब एक्स-रे की रिपोर्ट सामने आई, तो डॉक्टरों के होश उड़ गए। मारिया के पेट में पिछले 40 साल से एक पत्थर का बच्चा मौजूद था एक कैल्सिफाइड भ्रूण, जिसका वजन करीब 1.8 किलोग्राम था।

लिथोपेडियन एक दुर्लभ बीमारी है

लिथोपेडियन एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जो बेहद दुर्लभ है। यह तब होता है जब गर्भाशय के बाहर, पेट में गर्भ बनता है। अगर भ्रूण को पर्याप्त खून और पोषण नहीं मिलता, तो वह जीवित नहीं रह पाता। शरीर उसे बाहर निकालने की बजाय, एक अनोखी प्रक्रिया शुरू करता है। भ्रूण को कैल्शियम की परतों से ढक देता है, जो समय के साथ पत्थर जैसा बन जाता है। यह शरीर की एक सुरक्षा प्रक्रिया है, ताकि मृत भ्रूण से कोई संक्रमण न फैले।

दस हजार महिलाओं में एक होती है ये बीमारी

हैरानी की बात यह है कि लिथोपेडियन कई दशकों तक शरीर में बिना किसी लक्षण के रह सकता है। मारिया की तरह कई लोगों को इसका पता तब चलता है, जब वे किसी और कारण से जांच करवाते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, मेडिकल इतिहास में अब तक केवल 300 ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं। यानी, हर 10,000 गर्भधारण में सिर्फ 1 मामला
2013 में भी कोलंबिया में एक 82 साल की महिला के साथ ऐसा ही मामला सामने आया था। उन्हें पेट दर्द की शिकायत हुई, और जांच में पता चला कि उनके शरीर में 40 साल पुराना “पत्थर का बच्चा” मौजूद था। इन मामलों ने मेडिकल जगत को हैरान कर दिया

 क्या है पूरा मामला?

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लिथोपेडियन की पहचान क्या है?

इस मामले मे डॉक्टर कहते है कि लिथोपेडियन की पहचान आमतौर पर एक्स-रे या सीटी स्कैन से होती है। कई बार मरीजों को पेल्विक हिस्से में दर्द, पेट में भारीपन या कठोर द्रव्यमान का अहसास होता है। लेकिन कुछ मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते। अगर कोई परेशानी न हो, तो कई लोग इसे निकलवाते भी नहीं हैं

मारिया के मामले में डॉक्टरों ने सर्जरी कर उस कैल्सिफाइड भ्रूण को निकाल दिया। ऑपरेशन सफल रहा, और मारिया अब स्वस्थ हैं। लेकिन यह घटना हमें याद दिलाती है कि मानव शरीर कितना जटिल और रहस्यमयी है
लिथोपेडियन जैसी दुर्लभ स्थिति हमें ये सिखाती है कि हमें अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। विज्ञान और प्रकृति के इस अनोखे संगम ने हमें एक बार फिर हैरान किया है। क्या हम कभी इस रहस्यमयी दुनिया को पूरी तरह समझ पाएंगे

डिस्क्लेमर: याद रहे ये लेख केवल नार्मल जानकारी के लिए है। ये किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। TARANG VOICE इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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