विराट कोहली के साथ खेलने का सपना टूटा, लेकिन मैदान पर दमदार प्रदर्शन किया

दिल्ली के युवा बल्लेबाज आयुष दोसेजा ने क्रिकेट के मैदान पर अपने हुनर से सबका दिल जीत लिया है। उनका बचपन से सपना था कि वे महान क्रिकेटर विराट कोहली के साथ एक ही टीम में खेलें। इस साल जब उन्हें रणजी ट्रॉफी के लिए दिल्ली टीम में चुना गया, तो ऐसा लगा कि उनका सपना सच होगा। लेकिन दुर्भाग्य से एक चोट ने उन्हें विराट के साथ खेलने का मौका नहीं दिया।

टखने की चोट ने रोका विराट के साथ खेलने का मौका

आयुष का टखना सौराष्ट्र के खिलाफ अभ्यास मैच के दौरान मुड़ गया, जिससे वे टीम से बाहर हो गए। इसी मैच में विराट कोहली ने अपना अंतिम रेड-बॉल मैच खेला। आयुष को मैदान से यह सब देखना पड़ा। उन्होंने कहा, “विराट सर के साथ खेलने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और मेहनत जारी रखी।”

रणजी ट्रॉफी डेब्यू पर आयुष का धमाकेदार प्रदर्शन

चोट के बाद भी आयुष ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। हैदराबाद के खिलाफ अपने पहले रणजी मैच में उन्होंने 279 गेंदों पर 209 रन बनाए। यह उनका पहला दोहरा शतक था, जिसने दर्शकों और विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। आयुष कहते हैं, “यह मेरे लिए बहुत खास पारी थी, जिसने मेरी मेहनत को रंग दिखाया।”

सनत संगवान के साथ बड़ी साझेदारी

आयुष ने इस मैच में अपने साथी बल्लेबाज सनत संगवान के साथ मिलकर 319 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी बनाई। संगवान ने नाबाद 211 रन बनाए। दोनों की इस जोड़ी ने टीम को मजबूती दी। आयुष ने बताया, “हम लंबे समय से साथ खेल रहे हैं और जानते थे कि अच्छी साझेदारी से टीम को फायदा होगा।”

कोच अजय चौधरी की बातें

आयुष के कोच अजय चौधरी कहते हैं कि आयुष बचपन से ही मेहनती और होनहार खिलाड़ी हैं। उन्होंने बताया, “आयुष ने अपनी खेल क्षमता और मानसिकता में निरंतर सुधार किया है। उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता आई है, जो उन्हें और बेहतर खिलाड़ी बनाएगी।”

पढ़ाई और क्रिकेट दोनों में आगे

आयुष ने पढ़ाई में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक हासिल करने के बाद उन्होंने बी.कॉम किया है और एमबीए की पढ़ाई भी कर रहे हैं। वह मानते हैं कि पढ़ाई के साथ क्रिकेट को संतुलित करना जरूरी है। आयुष कहते हैं, “मेरे लिए क्रिकेट प्राथमिकता है, लेकिन पढ़ाई भी महत्वपूर्ण है।”

आईपीएल में खेलने का सपना

आयुष ने हाल ही में दिल्ली कैपिटल्स के ट्रायल में हिस्सा लिया है, जबकि मुंबई इंडियंस ने भी उन्हें आमंत्रित किया था। वे आईपीएल में खेलने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और अपने परिवार को गर्व महसूस कराने का लक्ष्य रखते हैं। उनका मानना है कि समर्पण और मेहनत से वह अपने सपने को जरूर पूरा करेंगे।

चुनौतियों के बीच सफलता की कहानी

आयुष की कहानी यह दिखाती है कि मुश्किलें चाहे कितनी भी बड़ी हों, अगर हिम्मत और मेहनत साथ हो तो सफलता मिलती है। चोट ने उनका विराट के साथ खेलने का मौका छीन लिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और रणजी ट्रॉफी में अपनी प्रतिभा से सबको प्रभावित किया।

आयुष दोसेजा एक ऐसे युवा क्रिकेटर हैं जो अपनी मेहनत, समर्पण और धैर्य से भविष्य में भारतीय क्रिकेट का एक अहम हिस्सा बन सकते हैं। उनकी कहानी से युवाओं को प्रेरणा मिलती है कि वे कभी हार न मानें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करते रहें।

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