बिहार विधानसभा चुनाव 2025: काराकाट सीट पर भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह की एंट्री से बदला सियासी समीकरण

रोहतास/बिहार। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही हैं। इसी कड़ी में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।

हालांकि इस नामांकन से ज़्यादा चर्चा का विषय बना उनका चुनावी हलफनामा, जिसमें कहीं भी पति पवन सिंह का नाम नहीं है। न उनके नाम का ज़िक्र, न ही संपत्ति या आय का कोई ब्योरा – जिससे राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

बिना पति के जिक्र वाला हलफनामा – रणनीति या संकेत?

सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन ज्योति सिंह ने विक्रमगंज स्थित निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय पहुंचकर अपना पर्चा दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने स्थानीय मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर समर्थकों के भारी काफिले के साथ रोड शो करते हुए नामांकन स्थल पहुंचीं। रास्ते भर फूल-मालाओं से स्वागत, नारों की गूंज और सेल्फी की होड़ देखने लायक थी।

नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा:

“काराकाट की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से आज मैंने नामांकन दाखिल किया है। यह कदम जनता की उम्मीदों और विश्वास की आवाज है। मेरा सबसे बड़ा बल जनता का सहयोग है।”

लेकिन हलफनामे में पवन सिंह का नाम नहीं होना राजनीतिक विश्लेषकों और जनता दोनों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। क्या यह कोई कानूनी चूक है, या फिर एक सोची-समझी रणनीति? क्या यह पवन सिंह से दूरी का संकेत है या राजनीति में खुद की पहचान बनाने की कोशिश?

त्रिकोणीय मुकाबला – नए समीकरण

अब काराकाट का मुकाबला बेहद रोचक और त्रिकोणीय हो गया है। एक ओर हैं भाकपा-माले के अरुण सिंह, जिनका जनाधार जमीनी स्तर पर मजबूत माना जाता है। दूसरी ओर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद महाबली सिंह, जो सत्ता पक्ष के भरोसेमंद चेहरा हैं।

अब जब मैदान में ज्योति सिंह जैसे नए और ग्लैमर से भरपूर चेहरे की एंट्री हुई है, समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। साथ ही, जन सुराज पार्टी के योगेन्द्र सिंह भी मैदान में हैं, जो वोटों का विभाजन कर सकते हैं।

क्या पवन सिंह के प्रशंसक होंगे निर्णायक?

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में पवन सिंह की फैन फॉलोइंग जबरदस्त है, खासकर पूर्वांचल और बिहार में। सवाल यह है कि क्या उनके प्रशंसक अब उनकी पत्नी ज्योति सिंह के पक्ष में वोट करेंगे?
यदि पवन सिंह सार्वजनिक रूप से प्रचार में उतरते हैं, तो यह चुनावी हवा एकदम बदल सकती है। लेकिन अगर वह चुप्पी साधे रहते हैं, तो यह उनकी निजी और राजनीतिक दूरी को और भी स्पष्ट कर सकता है।

काराकाट विधानसभा सीट पर मुकाबला अब केवल राजनीतिक नहीं रहा, यह छवि, प्रभाव और भावनाओं का संग्राम बन चुका है। ज्योति सिंह की एंट्री ने इस चुनाव को ना सिर्फ दिलचस्प, बल्कि राजनीतिक रणनीतियों की प्रयोगशाला बना दिया है।

अब देखना यह है कि क्या एक निर्दलीय महिला उम्मीदवार, जो सुपरस्टार की पत्नी होने के बावजूद उनके नाम का सहारा नहीं ले रही, जनता के बीच अपनी पहचान बना पाएगी या नहीं?

इस चुनावी कहानी के हर नए मोड़ पर हमारी नजर बनी हुई है। जुड़े रहिए हमारे साथ – बिहार चुनाव 2025 की हर बड़ी खबर के लिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here