तेजस्वी यादव और NDA की क्यों बढ़ रही है बेचैनी
बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ती जा रही है।आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में क्या होने वाला हैं इसको लेकर तेजस्वी और NDA की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। इस बार के चुनाव में जनसुराज दल की चर्चा खूब हो रही है। बिहार में INDIA गठबंधन की राजनीति इस वक्त दो ध्रुवों पर टिकी है, एक तरफ तेजस्वी यादव की लोकप्रियता, दूसरी ओर नीतीश कुमार की राजनीतिक के क्षेत्र में अनुभव। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि चुनाव में प्रशांत किशोर ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। वैसे तो राजनीतिक पंडित भी मान रहे हैं कि इस चुनाव में प्रशांत किशोर का बड़ा असर होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की घोषणा –
पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने यह घोषणा कर दी है कि उनकी पार्टी जन सुराज आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी। ऐसे में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के साथ सारे गठबंधन की अटकलों पर विराम लग चुका है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नेअकेले लड़ने का फैसला कर लिया है। प्रशांत किशोर ने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी जन सुराज किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और उनका गठबंधन केवल राज्य की जनता के साथ रहेगा। ऐसे में बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर अब केवल एक चुनावी रणनीतिकार ही नहीं रहे, बल्कि वे खुद एक राजनीतिक को बदलने वाले किरदार बन चुके हैं।
पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज की यात्रा –
बिहार मे प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा ने गांव-गांव में जो नेटवर्क का ढाचा तैयार किया है, वही इस बार के 2025 के विधानसभा चुनाव में दोनों बड़े गठबंधनों NDA और INDIA के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। वैसे देखा जाए तो पिछले दो वर्षों में प्रशांत किशोर ने लगभग सभी जिलों में 4500 से अधिक ग्राम सभाएं और हजारों युवाओं से संवाद किया गया है। ऐसे में तो ये कहा जा रहा है कि बिहार के राजनितिक गलियारों प्रशांत किशोर किसी पारंपरिक राजनीतिक दल के फ्रेम में नहीं फिट होते है, और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत मानी जा रही है।