तन्नुश्री कुमारी बनीं राजद प्रत्याशी, एनडीए की ज्योति देवी और जन सुराज के हेमंत पासवान से कड़ा मुकाबला
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र गया जिले की बाराचट्टी आरक्षित सीट पर सियासत में अचानक भूचाल आ गया। जहां महागठबंधन ने शुरुआत में पूर्व सांसद भगवती देवी की पुत्री समता देवी को उम्मीदवार घोषित किया था, वहीं नामांकन के आखिरी दिन बड़ा उलटफेर करते हुए टिकट उनकी बेटी तन्नुश्री कुमारी को दे दिया गया।
मां को मिला था सिंबल, पर नामांकन में उतरीं बेटी
रविवार को पूरे क्षेत्र में यह खबर फैल चुकी थी कि राजद ने समता देवी को टिकट दे दिया है। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने बधाई देना शुरू कर दिया था, बैनर-पोस्टर तक छप चुके थे। लेकिन सोमवार दोपहर को पार्टी मुख्यालय से जारी नए सिंबल पत्र में प्रत्याशी का नाम बदलकर तन्नुश्री कुमारी कर दिया गया।
इसके बाद तन्नुश्री ने शेरघाटी अनुमंडल कार्यालय पहुंचकर नामांकन दाखिल कर दिया। समता देवी, जिन्हें टिकट मिला था, उनका सिंबल वहीं का वहीं रह गया। इस फैसले ने क्षेत्र में सियासी समीकरणों को उलझा दिया है और कार्यकर्ताओं के बीच असमंजस की स्थिति बन गई है।
राजनीति में नई पीढ़ी को लाने की रणनीति या दबाव का परिणाम?
राजद के इस फैसले के पीछे क्या रणनीति रही, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पार्टी ने दिवंगत नेता भगवती देवी की विरासत को युवाओं से जोड़ने की कोशिश की है। तन्नुश्री कुमारी पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं और इस बदलाव को महागठबंधन के लिए जोखिम भरा लेकिन दूरदर्शी कदम माना जा रहा है।
एनडीए की ओर से फिर मैदान में हैं ज्योति देवी
वहीं दूसरी ओर एनडीए ने तीसरी बार ज्योति देवी पर भरोसा जताया है। वे हम पार्टी की वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की समधन और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन की सास हैं। इससे पहले दो बार वे इसी सीट से विजयी रही हैं। उनका अनुभव, मजबूत जनसंपर्क और एनडीए की संगठनात्मक ताकत उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।
जन सुराज पार्टी का नया दांव – हेमंत पासवान
इस बार मुकाबला सिर्फ महागठबंधन और एनडीए के बीच नहीं है। जन सुराज पार्टी ने भी इस सीट से हेमंत पासवान को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। हेमंत पासवान पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और खुद को “विरासत से अलग एक नया विकल्प” कहकर प्रचार कर रहे हैं। उनका फोकस युवाओं और पहले से उपेक्षित मतदाताओं पर है।
अब जनता के सामने है तीन विकल्प – विरासत, अनुभव या बदलाव
बाराचट्टी विधानसभा में इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो चला है। एक ओर हैं विरासत की राजनीति की नई प्रतिनिधि तन्नुश्री कुमारी, दूसरी ओर हैं राजनीतिक अनुभव और सत्ता से जुड़ी ज्योति देवी, और तीसरी ओर नए विचार और चेहरे के साथ हेमंत पासवान।
अब देखना यह है कि बाराचट्टी की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है – क्या विरासत एक बार फिर चलेगी, या राजनीतिक दिशा में बदलाव की शुरुआत होगी?
चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि बाराचट्टी की सियासत में इस बार कौन मारेगा बाज़ी।